लेखनी प्रतियोगिता -28-Sep-2022 आया मेरी जिंदगी में एक फरिश्ता
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक- आया मेरी जिंदगी में एक फरिश्ता
जिंदगी ने हमें सिखाया अकेला चलना,
कभी कोई ना था इस सफर में अपना,
जिंदगी थी एक बंद कमरा।
आंसू थे मेरे साथी,
गम थी मेरी कहानी,
यही थी मेरी जिंदगानी।
कुछ दिन गए बीत,
बनकर आया मेरी मीत,
सिखाई मुझे दुनिया की रीत।
बन गया वो मेरा फरिश्ता,
जिसने मुझे सिखाया मुस्कुराना,
मोमबत्ती बन कर दिखाया उजाला।
अधूरी हैं उसके बिना दुनिया,
सांसो से जुड़ी है डोरियां,
कुर्बान है मेरी सारी खुशियां।
करती हूं ऐसे फरिश्ते को सलाम,
मेरी जिंदगी को बनाया बागान,
मेरे सपनों को दी पहचान।
कभी न भूलूं ऐसा फरिश्ता,
सुख दुःख में दिया मेरा साथ,
कभी ना छोड़ूं उसका हाथ।
चट्टान बन कर रहा मेरे साथ,
विपत्तियों में पकड़ा मेरा हाथ,
जिंदगी का सिखाया मुझे पाठ।
अपने व्यवहार से फरिश्ते,
परिपक्व होते ये रिश्ते,
वही होते हैं अपने।
व्यवहार की बनाओ फसल,
होगी खेती सफल,
फरिश्ता ही होगा हर चमन।
Raziya bano
29-Sep-2022 08:19 PM
Nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 09:11 AM
उम्दा सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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Gunjan Kamal
29-Sep-2022 08:28 AM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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